यूपी में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके बाद राज्य सरकार ने 24 जनवरी तक पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी है। बता दें यह आदेश आगामी 24 जनवरी तक लागू रहेगा। इसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे निर्णय लिया जाएगा। इस आदेश के तहत मुख्यत: चिकेन, बत्तख, कड़कनाथ और बटेर के आयात पर पाबंदी लगाई गई है।
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बता दें प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार का कहना है कि रविवार को बाहर से पक्षियों के आयात पर पाबंदी लगा गई लगा दी गई थी। यह व्यवस्था आगामी 24 जनवरी तक लागू रहेगी। इसके बाद आगे के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
यूपी के सभी वेटलैंड्स पर रखी जा रही खास नजर
कानपुर जू में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद वन विभाग हाईअलर्ट पर है। प्रदेश के सभी वेटलैंड्स पर विशेष नजर रखी जा रही है। जबकि आने वाले प्रवासी पक्षियों की मॉनिटरिंग के लिए टीमें बना दी गई हैं। इसके लिए दूरबीन भी उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त सभी वन्यजीव अभयारण्य, चिड़ियाघरों और टाइगर रिजर्व में भी चौकसी बढ़ा दी गई है।
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दरअसल, प्रदेश में इस मौसम में दूसरे देशों से बड़ी संख्या में पक्षी आते हैं। रायबरेली स्थित समसपुर बर्ड सेंक्चुरी, एटा की पटना बर्ड सेंक्चुरी, दिल्ली-आगरा हाईवे पर स्थित सूर सरोवर और ओखला व उन्नाव में स्थित बर्ड सेंक्चुरी में सैकड़ों प्रजातियों के विदेशी पक्षियों का नवंबर से जनवरी तक जमावड़ा रहता है। अधिकतर जिलों में स्थित वेटलैंड्स में भी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इसलिए वन कर्मियों को आरक्षित वन क्षेत्र के अलावा वेटलैंड के किनारे भी दूरबीन लेकर बैठाया गया है ताकि बर्ड फ्लू की जरा भी आशंका होने पर चिकित्सकों की टीम भेजी जा सके।
इस बात की संभावना अधिक है कि प्रवासी पक्षियों से ही यूपी में बर्ड फ्लू आया है। इसलिए कहीं भी प्रवासी पक्षी के मृत पाए जाने पर उसके शव को प्रयोगशाला में जांच कराए जाने के निर्देश गिए गए हैं। वन विभागाध्यक्ष सुनील पांडेय ने कहा कि पशुपालन विभाग के साथ मिलकर वन विभाग भी पूरी स्थिति पर निगाह रखे हुए है। पूरा प्रयास है कि यह बीमारी जानवरों से इंसानों में न पहुंच पाए।
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