स्वप्न फाउंडेशन के युवा वैलेंटाइन डे के अवसर पर दूसरों में प्यार एवं खुशियाँ बाँटने निकले। युवाओं ने सिनेपोलिस के आस-पास के इलाके में जानवरों को खाना खिलाया, गरीब बच्चों में खाना एवं पुस्तकें बाँटी, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए सड़क के किनारे का कचरा बटोरा, और साथ ही “स्ट्रीट कक्षा” के बच्चों के साथ यह दिन मनाते हुए उनके साथ नाच – गाना किया और पेंसिल आदि बाँटी।
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वैलेंटाइन डे प्यार का दिन है और दूसरों को खुश करना ही प्यार की भाषा है। युवा रेंजर्स ने ज़रूरत मंदो में प्यार बाँट कर यह संदेश दिया कि वैलेंटाइन डे मनाने के लिए कपल होना ज़रूरी नहीं। आप उनके चेहरे पर मुस्कान लाइये जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। यही सही मायने में प्यार बाँटना होता है।
क्यों मनाते हैं वैलेंटाइन डे
हमारे देश भारत को त्योहारों का देश माना जाता है क्यूंकि यहाँ सभी लोग मिल कर एक साथ सारे त्योहारों को खुसी से मनाते हैं जैसे होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस इत्यादि.
भारत में जितने भी प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं उन सभी त्योहारों के पीछे एक सच्ची कहानी होती है जो इतिहास के पन्नो पर लिखी गयी है और वो सभी त्यौहार सदियों से चली आ रही है जो एक रिवाज की तरह बन गयी है जिसे सभी लोग अपने अपने तरीके से मनाते हैं.
एक और ऐसा दिन है जो Valentine Day के नाम से जाना जाता है, इस दिन को हम प्यार का दिन केहते हैं और हर साल के फ़रवरी माह को प्यार का महिना कहते हैं.
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