मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण में 36590 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने अभ्यर्थियों को संबोधित किया और उन्हें नियुक्ति पत्र प्राप्त करने की बधाई दी।
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उन्होंने कहा कि उच्च और माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों से ज्यादा बेसिक शिक्षा के शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि ये देश के भविष्य की नींव मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
विसंगति दूर होने पर नियुक्ति तो मिलेगी, पर मेरिट नहीं बदलेगी
69 हजार शिक्षक भर्ती में मामूली विसंगति को दूर करने के लिए चयनित अभ्यर्थियों को अवसर देते हुए नियुक्ति तो दी जाएगी, लेकिन मेरिट में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने शुक्रवार को इसका शासनादेश जारी किया है।
जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन पत्र में मूल अंकपत्र के सापेक्ष प्राप्तांक कम या अधिक भरा था उनसे अंकपत्र की मूल प्रति प्राप्त कर उन्हें कम या अधिक अंकों के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही यह शपथपत्र भी लिया जाएगा कि वह कम या अधिक अंक के आधार पर चयन से सहमत हैं, भविष्य में अधिक प्राप्तांक के आधार पर मेरिट परिवर्तन की मांग नहीं करेगा।
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गाइडलाइन में हैं ये बातें
– सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के बेस्ट पांच विषयों के अंकों के आधार पर औसत निर्धारित किया जाएगा।
– प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने पर उसे स्वीकार कर नियुक्त पत्र जारी किया जाएगा। मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।
– काउंसिलिंग के समय पता परिवर्तन की अनुमति देते हुए काउंसलिंग की कार्यवाही की जाएगी।
– गैर मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड या बीटीसी का प्रशिक्षण करने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिलेगी।
– जो चयनित अभ्यर्थी पहले से परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा।
– ऐसे चयनित अभ्यर्थी जो अन्य विभाग में कार्यरत हैं उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। उन्हें मूल विभाग से कार्यमुक्त होकर सहायक अध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।
– मूल अंकपत्र, प्रमात्रपत्र खोने की स्थिति में अभ्यर्थी को मूल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। तीन महीने में मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर चयन निरस्त किया जाएगा।
– संदिग्ध दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच एक महीने में कराई जाएगी।
– सीटेट के अंकों में अंतर होने पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
– मूल दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर पात्र होने पर चयन निरस्त नहीं किया जाएगा।
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