मौसम के बदलाव के साथ देश में मच्छरों की पैदाइश बढ़ने लगी है। जिसके कारण डेंगू बुखार काफी तेजी से भारत को अपनी चपेट में ले रहा है। देश के कई हिस्सों से डेंगू बुखार के मामले मिलने की खबरें अखबारों में सुर्खियों पर हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि आपको पता हो कि डेंगू फीवर (Dengue Fever) से कैसे निपटा जा सकता है। आपको जानकारी हो कि डेंगू बुखार में हमारी प्लेटलेट्स (platelets) कम होने लगती हैं, जिसके कारण जान का जोखिम भी बन जाता है।
वक्त पर डेंगू बुखार का पता लगने से आप का इलाज बेहतर तरीके से हो सकता है। मेडिकल साइंस में डेंगू बुखार की दवा उपलब्ध है। हालांकि आयुर्वेद में भी बहुत सी दवाओं (ayurvedic medicine for dengue) का वर्णन किया गया है,जिनका सेवन आप एलोपैथिक दवाइयों के साथ भी कर सकते हैं। यह आपको डेंगू से जल्दी रिकवर होने में और प्लेटलेट्स (How to increase platelets count fast) को तेजी से बढ़ाने में मदद करेंगे। आज हम इन्हीं के बारे में जानेंगे, लेकिन इससे पहले कुछ एम चीजों को समझना जरूरी है।
जानिए कैसे होता है डेंगू ? (causative organism of dengue )
स्वास्थ्य विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रकाशित की गई जानकारी के अनुसार डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है, जो मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू इन्फेक्शन फैलाने वाले मच्छर एडीज एजिप्टी मच्छर हैं, होते हैं,और कुछ हद तक एई अल्बोपिक्टस (Ae. albopictus) होते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) कहता है कि यही मच्छर चिकनगुनिया (Chikungunya), येलो फीवर (Yellow Fever) जैसी बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
यह भी पढ़ें : सिर्फ़ 2 मिनट है आपका सेक्स टाइम? यह उपाय आपको 45 मिनट तक रखेंगे चार्ज
कुछ इस तरह होते हैं डेंगू के लक्षण! ( Dengue symptoms in Hindi)
डेंगू में आपको कई प्रकार के लक्षण (dengue bukhar ke lakshan) देखने को मिल सकते हैं हालांकि कई बार आपको बिल्कुल भी लक्षण देखने को नहीं मिलते। ऐसी स्थिति को Asymptomatic Dengue के नाम से जाना जाता है। डेंगू बुखार एक गंभीर फ्लू बीमारी के तौर पर प्रकट हो सकता है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है हालांकि डेंगू से होने वाली मृत्यु दर काफी कम है। डेंगू मच्छर के काटने के बाद सामान्य तौर पर 4 से 10 दिन के बाद 2 से 3 दिन तक लक्षण देखने को मिल जाते हैं।
डेंगू के लक्षणों में शामिल है (Dengue ke lakshan in hindi)
- हल्के से भयंकर बुखार
- सिर दर्द
- आंखों के पीछे दर्द महसूस होना
- जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन
- उल्टी आना और जी मचलाना
- शरीर पर रैशेज पढ़ना।
जानिए प्लेटलेट को कैसे बढ़ाएं? (Platlets badhane ke liye kya karen)
डेंगू वायरल इंफेक्शन होने के कारण हमारी प्लेटलेट्स में कमी आने लगती हैं, (platelets kam hone se kya hota h) जिसके कारण शरीर को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे बहुत से उपाय हैं जिनकी मदद से आप प्लेटलेट्स को जल्दी बढ़ा (how to increase platelets count fast) सकते हैं। हालांकि किसी भी उपाय का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के और एलोपैथिक ट्रीटमेंट छोड़कर ना करें। शरीर में प्लेटलेट्स कम होने पर आपको कुछ लक्षण (platlet kam hone ke lakshan) महसूस हो सकते हैं जैसे, मसूड़ों से खून आना, मल त्याग में खून आना,नाक से खून बहना, शरीर पर लाल निशान होना।
गिलोय, एलोवेरा, अनार (Giloy, aloe vera Pomegranate)
गिलोय (giloy),एलोवेरा (aloe vera) और अनार (Pomegranate) दोनों ही हमारी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए जाने जाते। आयुर्वेद में इन दोनों जड़ी बूटियों को काफी महत्व दिया गया है। पतंजलि (Patanjali) के संस्थापक और योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) द्वारा इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि गिलोय और एलोवेरा दोनों का सेवन प्लेटलेट्स (platelets) बढ़ाने में मदद कर सकता है।
तुलसी (Tulsi), अमृता (Guduchi)
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) द्वारा प्रकाशित की गई जानकारी के अनुसार डेंगू (Dengue) प्लेटलेट्स (Platelets) बढ़ाने और बुखार को जल्द से जल्द दूर करने के लिए इम्यूनिटी (Immunity) बेहतर होना बहुत आवश्यक है। ऐसे में तुलसी (Tulsi) और अमृता (Guduchi) आपकी सहायता कर सकते हैं। यह दोनों ही आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों (ayurvedic Herbs) के तौर पर जाने जाते हैं। यदि शुरू में डेंगू बुखार (Dengue Fever) का पता चल जाए तो तुलसी और अमृता का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए। आपको रोजाना इनकी कितनी मात्रा चाहिए होगी यह आपकी प्लेटलेट पर निर्भर करता है, ऐसे में अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इसका सेवन करें।
यह भी पढ़ें: Navratri Fasting Tips : जानिए डायबिटीज के मरीजों को कैसे रखना चाहिए 9 दिन का व्रत!
पपीते के पत्ते (papaya medicine for Dengue)
पपीता (papaya medicine)आसानी से उपलब्ध होने वाला फल है। वैसे तो पपीते (papaya) को हमारी गट हेल्थ (Gut health) के लिए काफी ज्यादा अच्छा बताया जाता है। लेकिन यह आपके प्लेटलेट्स (platelets) को भी बढ़ाने का काम करता है। डॉक्टरों द्वारा पपीते का सेवन किए जाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा पपीते (papaya) के पत्ते का जूस, डेंगू मरीज के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। हालांकि की पपीते का सेवन में आपको अपने ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar Level) का ध्यान रखना जरूरी है। यदि आपके डायबिटीज की समस्या है तो आप को नियमित मात्रा में पपीते का सेवन करना है। यह आपके प्लेटलेट काउंट (medicine for platelet) को बढ़ाने में सहायता देगा।
बकरी का दूध (Goat Milk)
बकरी का दूध (Goat Milk for dengue) कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, यह किसी सुपरफूड (Foods for Dengue) से कम नहीं है, जो आपकी प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है। यदि आपकी प्लेटलेट्स डेंगू के कारण काफी ज्यादा कम हो गई है तो ऐसी स्थिति में बकरी का दूध आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी बकरी का दूध डेंगू के इलाज में फायदेमंद बताया गया है। बकरी का दूध बाकी दूध के मुकाबले काफी गाढ़ा होता है। शरीर में एनर्जी और खून में प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए मशहूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।
धतूरा (Dhatura)
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी में इस बात का भी जिक्र किया गया है,की गंभीर मामलों में धतूरे का सेवन करना काफी हद तक फायदेमंद हो सकता है। हालांकि यह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है ऐसे में इसका सेवन अपने फिजिशियन की निगरानी के अंदर ही करना चाहिए। आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का इस्तेमाल करें। क्योंकि आपके शरीर की बेहतर स्थिति को फिजीशियन समझ सकता है।
कैसे होता है डेंगू का टेस्ट ( Test for Dengue)
सामान्य तौर पर भारत में दो प्रकार से डेंगू के टेस्ट किए जाते हैं जिसमें ELISA test और Card test शामिल है। ELISA test को कार्ड टेस्ट के मुकाबले ज्यादा एक्यूरेट माना जाता है। ज्यादातर जगहों पर ब्लड टेस्ट के माध्यम से डेंगू की जांच की जाती है जिसमें एंटीबॉडी का सैंपल लिया जाता है। खून की जांच करने के बाद प्लेटलेट्स काउंट पता चलते हैं, और बुखार की पहचान होती है। भारत के प्राइवेट अस्पतालों में यह जांच 300 रुपए से 500 रुपए (Dengue test price) तक होती है। वहीं सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच निशुल्क कराई जाती है।
क्या डेंगू एक संचारी रोग है? (Is Dengue is a communicable disease?)
नहीं! यह सिर्फ एक भ्रम है, डेंगू कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है और ना ही यह कोरोना की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को लगती है। यह बीमारी मच्छर फैलाते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रहे कि यह बीमारी अलग-अलग वायरस के कारण हो सकती है, ऐसे में एक व्यक्ति कई बार डेंगू से संक्रमित हो सकता है। यह उसकी एंटीबॉडी पर निर्भर करता है।
नोट : यह लेख मात्र सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी प्रकार की समस्या होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लें।