यूपी उपचुनाव नज़दीक आरहे है, ऐसे में कई लोगो की नज़र , उत्तरप्रदेश में मौजूद बड़े विपक्ष पर अड़ी हुई है, की आखिर क्या विपक्षी पार्टिया यूपी में होने वाले उपचुनाव में कोई चमत्कार कर पाएगी या प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ही करिश्मा बरकरार रहेगा, जानकारी के लिए बता दें की उत्तरप्रदेश में 3 नवंबर को 7 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव सत्ता की कुर्सी पर बैठी भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है, क्योंकि इन 7 सीटों में से 6 सीटों पर उसी का कब्जा था। अब जनता के सवालों का जवाब को इन इन सीटों के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा जोकि 10 नवंबर को आएंगे।
यूपी में होने वाले चुनाव काफी रोमांचक रहते है, क्योकि यहाँ का विपक्ष और राजनिति दोनों ही मजबूत मानी जानती है, कुछ साल चुनाव को लेकर कुछ साल पहले चले तो 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था,वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था। आप की जानकरी के लिए बता दें की यूपी की भारतीय जनता पार्टी का सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से अब गठबंधन टूट गया है। विपक्षी दल इस बार उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतार रहे हैं, इसलिए भाजपा को मतों में बिखराव की उम्मीद लग रही है।
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आपस में ही लड़ जायेगा विपक्ष
उत्तरप्रदेश के भारतीय जनता पार्टी उपाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक का मानना है कि , ‘संगठन की जनता के बीच मजबूत पकड़ और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यों से भाजपा सभी सीटों पर जीतेगी। विपक्ष तो आपस में ही लड़कर खत्म हो जाएगा।’
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भाजपा से इनको मिले है टिकट
बीजेपी ने मंगलवार को नौगांव सादात में संगीता चौहान, बुलंदशहर में उषा सिरोही, टुंडला में प्रेमपाल धनगर, बांगरमऊ में श्रीकांत कटियार, घाटमपुर में उपेंद्र पासवान और मल्हनी में मनोज सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। सिर्फ देवरिया सीट के लिए अभी मंथन चल रहा है।