Artificial sweetner hazards : डायबिटीज के रोगियों को जब डॉक्टरों द्वारा चीनी का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है,तो वह अक्सर आर्टिफिशियल शुगर (Artificial sweetener) का सहारा लेते हैं। भारतीय घरों में ज्यादातर लोग इसे शुगर फ्री (Sugar Free) नाम से समझते हैं। लोगों का मानना है कि यह मीठी गोलियां डायबिटीज के रोगियों को नुकसान नहीं करती, और यह ब्लड शुगर लेवल को काबू में रखने में सहायता प्रदान करती हैं। हालांकि ऐसा है नहीं, हाल ही में हुए एक शोध में इस बात का दावा किया गया कि Artificial Sweetner न केवल ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को बढ़ाती है बल्कि गट हेल्थ (Gut Health) यानी हमारे आंत की सेहत के साथ भी खिलवाड़ करती है।
यह स्टडी क्या है?आर्टिफिशियल स्वीटनर आपकी आंत और ब्लड शुगर लेवल को किस प्रकार नुकसान पहुंचाता है जानने से पहले यह समझ लेते हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर आखिर कैसे बनाई जाती है?
कैसे बनती है आर्टिफिशियल स्वीटनर की गोलियां?
इनसाइक्लोपीडिया पर मौजूद जानकारी के अनुसार आर्टिफिशियल शुगर बनाने के लिए कई प्रकार के संस्थापक और केमिकल प्रोसेस का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि सामान्य तौर पर फेनिलएलनिन को मेथनॉल के साथ कोशिश किया जाता है जिसको बाद में एसपारटिक एसिड के साथ जोड़ा जाता है, इस पूरी प्रक्रिया के बाद आर्टिफिशियल स्वीटनर तैयार की जाती है। आर्टिफिशियल स्वीट में बनाने का प्रोसेस यहीं खत्म नहीं होता फर्मेंटेशन के प्रोसेस से प्राप्त किए गए 5 अमीनो एसिड को सुगर फ्री बनाने के लिए संशोधित किया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद प्राप्त की गई सब्सीट्यूट शुगर को रिफाइंड किया जाता है और बाद में क्वालिटी कंट्रोल करने की प्रक्रिया शुरू होती है। जिसके बाद यह आपको बाजारों में मिलती है। आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने के पीछे का कारण भी इसको बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन हैं।
चलिए जानते हैं कि artificial sweetner को लेकर हुए सोध में क्या बताया गया है?
इस शोध में यह बताया गया है कि आर्टिफिशियल शुगर क्या शुगर सब्सीट्यूट डायबिटीज के व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है इसके अलावा यह है गट हेल्थ पर भी प्रभाव डाल सकती है। इस स्टडी को Journal Cell नमक एक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। जिसके बाद आर्टिफिशियल शुगर के कंजंक्शन को लेकर Weizmann Institute of Science के immunologist Professor Eran Elinav चिंता जाहिर की है, उनका कहना है कि आर्टिफिशियल शुगर लोगों की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है।
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आर्टिफिशियल स्वीटनर, शुगर फ्री, saccharin और sucralose डायबिटीज रोगियों में सेहत को नुकसान पहुंचाता है और शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ा देता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज से 8 साल पहले हुई एक रिसर्च में इस बात की चिंता व्यक्त की गई थी जो आज आर्टिफिशियल स्वीटनर के लिए सच हो गई है।
Times of Israel के साथ बातचीत के दौरान प्रोफेसर Eran Elinav ने कहा कि “यह सिर्फ लोगों की धारणा है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर नुकसान नहीं करती, हालांकि सच यह है कि है ऐसे बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है जो हमारे आंत स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं। उन्होंने आगे कहा हमारे द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया कि यह आंत के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।