वाराणसी, 20 अक्टूबर 2024 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर करवा चौथ का व्रत रखने वाले वाराणसी के संतोष मूरत सिंह इन दिनों चर्चा में हैं। संतोष, जो पिछले 21 वर्षों से खुद को सरकारी दस्तावेजों में ज़िंदा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, अब आखिरी उम्मीद पीएम मोदी से लगाए बैठे हैं।
कौन हैं संतोष मूरत सिंह?
वाराणसी के बलुआघाट के निवासी संतोष मूरत सिंह का जीवन पिछले दो दशकों से एक अनोखी लड़ाई बन चुका है। उनका दावा है कि सरकारी कागजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि वह जीवित हैं। “मैं जिंदा हूं” लिखे पोस्टर के साथ वह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला है।
“साहब, मैं ज़िंदा हूँ!”
संतोष मूरत का कहना है कि कई बार उन्होंने सरकारी अधिकारियों से अपील की है, लेकिन उनकी ज़िन्दगी की सच्चाई किसी भी कागजी सबूत में दर्ज नहीं की गई। यह सबूत देने के लिए उन्होंने कई सरकारी दफ्तरों में दस्तक दी, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी।
क्यों रखा पीएम मोदी के लिए करवा चौथ का व्रत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे की खबर सुनकर संतोष ने एक अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने करवा चौथ का व्रत रखा, लेकिन किसी पत्नी के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए। एक हाथ में करवा चौथ की छलनी और दूसरे हाथ में पीएम मोदी की तस्वीर लेकर, संतोष ने जिले के अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की।
“पीएम से मिलने की आस”
संतोष का उद्देश्य पीएम मोदी का ध्यान अपनी ओर खींचना है। वह प्रधानमंत्री से मिलकर अपने दर्द को साझा करना चाहते हैं और चाहते हैं कि उन्हें इंसाफ मिले। संतोष का कहना है, “सांसें कागज की मोहताज नहीं होतीं, लेकिन मुझे जिंदा साबित करने के लिए अब पीएम मोदी ही मेरी आखिरी उम्मीद हैं।”
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प्रशासन की चुप्पी
संतोष की इस अनोखी गुहार पर अब तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। संतोष का कहना है कि वह तब तक हार मानने वाले नहीं हैं जब तक उनकी पहचान और जीवन की सच्चाई को कागजों पर दर्ज नहीं किया जाता।