भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से वर्ष 2014 में ही संन्यास ले लिया था, वनडे और टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के लिए उन्होंने पिछले साल 15 अगस्त 73वे स्वत्रंता दिवस का दिन चुना था। साथ ही धोनी के जिगरी दोस्त और चेन्नई सुपर किंग्स के साथी खिलाडी सुरेश रैना ने भी इसी दिन क्रिकेट संन्यास की घोषणा की थी।और दोनों की जर्सी नो. को मिलके 73 होता है . धोनी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 10 जुलाई, 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमी फाइनल खेला था। हालांकि इस मुकाबले में भारत को हार का सामना करना पढ़ा था।
कब और कैसे बदली माही की किस्मत
पाकिस्तान के खिलाफ 2005 की वनडे सीरीज के दूसरे मैच में जब महेंद्र सिंह धोनी(माही) उतरे तो उन पर काफी दवाब था। क्योंकि वह 2004 में बांग्लादेश सीरीज नाकाम रहे थे। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने 123 गेंद पर 148 रनों की पारी खेली। इस पारी ने धोनी की किस्मत ही बदल दी और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कैसे शुरू हुआ धोनी का कप्तानी का सफ़र
2007 में जब सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर जैसे बड़े खिलाड़ियों ने खुद को पहले टी-20 वर्ल्ड कप से अलग रखने का फैसला किया तब युवा मेहन्द्र सिंह धोनी को युवा टीम की कमान सौंपी गई। इसके बाद उनकी कप्तानी में भारत ने पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता।
टेस्ट में नंबर वन
टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम और धोनी की नज़र टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पोजीशन पर थी । घरेलू सीरीज में उन्होंने(धोनी) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 213 रन की पारी खेली और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 4-0 से मात दी। सचिन तेंडुलकर ने उनकी कप्तानी में खेले एक टेस्ट मैच के बाद कहा था कि ड्रेसिंग रूम का माहौल इससे बेहतर कभी नहीं रहा।
वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी
2011 में आईसीसी वर्ल्ड कप धोनी की कप्तानी में 28 साल बाद भारत ने जीता। इस मैच का विनिंग शॉट भी उनके ही बल्ले से निकला। इसके बाद उनकी कप्तानी में भारत ने साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा किया। वह पहले और एक्लोते ऐसे कप्तान बने जिन्होंने तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीतीं।
आईपीएल में धमाल
2008 से धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हैं। चेन्नई सुपर किंग्स को अपनी कप्तानी में 3 बार की आईपीएल चैंपियन बना चुके हैं। चेन्नई के 2 साल के प्रतिबंद के दौरान वह राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की ओर से खेले थे। 2016 स्तर में पुणे की टीम के ख़राब प्रदर्श के कारण 2017 में उनको कप्तानी से हटा दिया था .
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धोनी के साथ जुड़े 7 विवाद
बेहद शांतचित स्वभाव वाले धोनी कई बार विवादों में भी रहे हैं। आइए जानते हैं कैप्तान कूल के वो सात विवाद, जिससे लगे उनके करियर पर दाग।
1 पानी को बर्बाद करने से जुड़ा विवाद
2007 में रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण में धोनी की कॉलोनी के लोगों ने उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें धोनी पर रोजाना करीब 15 हजार लीटर पानी बर्बाद करने का इलज़ाम लगा था. जिसके बाद ये मामला झारखंड उच्च न्यायालय तक गया था. लेकिन जब इस मामले की जांच की गई तो पाया गया, कि कॉलोनी के लोगों ने किसी गलत जानकारी के आधार पर ये शिकायत दर्ज करवाई है, जिसेक बाद धोनी के खिलाफ शिकायत करने वाले इन लोगों ने उनसे माफी मांगी थी.
2 धोनी-गंभीर विवाद
एमएस धोनी और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का विवाद साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुई सीबी ट्राई सीरीज में धोनी की अपनाई रोटेशन पॉलिसी बनी, जिसके अंतर्गत टीम इंडिया तीन टॉप ऑर्डर बल्लेबाज गंभीर, सहवाग और सचिन को पूरी सीरीज के दौरान रोटेट किया गया था। इसके बाद गंभीर का एक बयान सामने आया था जिससे धोनी पर निशाने के रूप में देखा गया था। गंभीर ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘2012 में ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय सीरीज के दौरान कहा था वह हम तीनों (सचिन, सहवाग और गंभीर) को एक साथ नहीं खिला सकते क्योंकि वह 2015 वर्ल्ड कप के बारे में सोच रहे हैं।’ मैं हमेशा से यही सोचता आया था कि अगर आप रन बनाते रहें तो उम्र सिर्फ एक नंबर होती है।’
3 टैक्स नहीं भरने से जुड़ा विवाद
एमएस धोनी एक बार कम पंजीकरण शुल्क देने के विवाद में भी फंस गए थे और इनपर आरोप लगा था कि इन्होंने अमेरिकी कंपनी द्वारा निर्मित ‘हमर एच 2’ एसयूवी गाड़ी का पंजीकरण करवाने के दौरान इस गाड़ी के नाम की जगह महिंद्रा स्कार्पियो लिखवा दिया था. जिसके कारण धोनी को 4 लाख के पंजीकरण शुल्क की जगह केवल 53,000 का शुल्क भरना पड़ा था.
4 फिक्सिंग के कारण जुड़े विवादों से
साल 2013 मे हुए आईपीएल मैच में हुई फिक्सिंग को लेकर एक बार फिर धोनी विवादों में घिर गए थे और इन पर भी मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था. लेकिन इन पर लगे ये आरोप साबित नहीं हो पाया था.
5 रिति स्पोर्ट्स विवाद
2013 के आईपीएल में महेंद्र सिंह धोनी पर यह आरोप लगा कि धोनी ‘मैच फिक्सिंग’ में शामिल थे। इसके बाद यह पता चला था कि धोनी की एक कंपनी में 15 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका नाम रिति स्पोर्ट्स है। इसमे सुरेश रैना और रवींद्र जडेजा भी शामिल थे। यह कहा गया कि धोनी ने इन दोनों का पक्ष लिया क्योंकि दोनों जितने अधिक मैच खेलते, उतने ज्यादा पैसा इस कंपनी में लगाते। माना गया की धोनी समेत रैना और जडेजा ने बीसीसीआई के मानदंडों का उल्लंघन किया है, लेकिन पूरा मामला गायब हो गया और धोनी टीम के कप्तान बने रहे।
6 आम्रपाली के साथ जुड़ा विवाद
साल 2016 में आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट के निवासियों द्वारा सोशल मीडिया पर आम्रपाली कंपनी और इस कंपनी के ब्रांड एंबेसडर धोनी को ट्रोल किया गया था. जिसके बाद धोनी ने इस फर्म के ब्रांड एंबेसडर के रूप से इस्तीफा दे दिया था.दरअसल इन लोगों ने आम्रपाली कंपनी से घर खरीदे थे, लेकिन इन लोगों से पैसे लेने के बाद भी इन्हें ये घर नहीं दिए गए थे. जिसके बाद इन लोगों ने धोनी को अपनी ट्वीट्स में टैग करना शुरू कर दिया था और लोगों की नाराजगी को देखते हुए धोनी ने इस कंपनी से दूरी बना ली थी.
7 ग्लव्स विवाद
विश्व कप 2019 में धोनी ने सेना के बलिदान बैज को अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स पर लगाकर एक अनोखे विवाद को जन्म दे दिया। धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में अपने कीपिंग ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स का लोगों लगाया था, जिसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि आईसीसी और बीसीसीआई आमने सामने आ गईं। बाद में आईसीसी के नियमों के तहत धोनी को इस बैज का मैदान पर इस्तेमाल करने से मना कर दिया गया। धोनी भी अगले मैच में अपने ग्लव्स से बैज का निशान हटाकर मैदान पर उतरे।