भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है दिन पर दिन LAC पर हालात बिगड़ते ही नजर आ रहे हैं हालांकि दोनों देशों के बीच सैनी बातचीत चालू है उसके बावजूद माहौल सामान्य होता नहीं दिख रहा है आखिर इसकी वजह क्या है? कहीं इसमें भी चीन कोई चाल तो नहीं? कहीं चीन की साजिशों से हालात और तो नहीं बिगड़ जाएंगे?
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पूरी सहमति और गंभीरता के साथ कोर कमांडो के बीच हुई बातचीत दो बार हो चुकी है दो बार की वार्ता के बाद बीजिंग द्वारा भारत की संप्रभुता पर सवाल खड़े करने को विश्वास बहाली पर चोट माना जा रहा है, जानकारों की माने चीन के सपनाय पत्रों के लिए सरकार और सेना अपने स्तर से नए सिरे से हालातों पर समीक्षा कर रही है, सेना ने पूर्वी लद्दाख के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC कि तीनों सेक्टरों में सतर्कता और बढ़ा दी है और आगे की रणनीति पर चाइना स्टडी ग्रुप की बैठक जल्द ही बुलाई जा सकती है।
सितंबर 21 को छठी बार की गई बातचीत के अगले ही दिन LAC को लेकर 1959 स्थिति मानने की बात कहकर चीन सरकार ने सीमा प्रबंधन पर अब तक हुए सभी करा लो पर सवाल खड़ा कर दिया है सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो चीन के इस पात्रों से सतर्क भारत ने 4 कमांडो की सोमवार को हुई सातवें दौर की बातचीत में सकारात्मक दिशा की तरफ बढ़ने की गंभीर कोशिशें करी है लेकिन अगले ही दिन चीन फिर अपने पैतृक खेलने लगा एक बार फिर से लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के वजूद पर सवाल उठाकर अपनी मंशा जाहिर कर दी।
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चीन किसी तरह भारती सेना के मजबूती वाले जगहों को पहले खाली कराना चाहता है सूत्रों ने बताया कि से बातचीत में साझा बयान जारी कर दोनों पक्ष एलएसी पर यथार्थ बनाने की कोशिशों में जरूर है लेकिन चीन के प्रधानमंत्री श्री जिनपिंग की अगुवाई वाली चीनी सरकार के उकसाने वाले बयान के बाद पूरी रणनीति को नए सिरे से देखा जा रहा है।