महीनों से मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां चल रही है ऐसे में कई सुर्खियां भी बनी हुई है बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने उपाध्यक्ष एक शर्मा को बनाकर कई अटकलों को साफ कर दिया है दरअसल केंद्रीय नेतृत्व में आखिरकार पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा की सियासी पारी की भूमिका तय कर दी गई है 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ रही है ऐसे में विपक्ष के लिए चुनौती भरा चुनाव साबित हो सकता है।
भाजपा ने दिए संकेत
भारतीय जनता पार्टी हाईकमान द्वारा सरकार और संगठन में फेरबदल की सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए इस बात का संकेत दे दिया गया है कि 2022 का चुनाव की कमान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में ही रहेगी साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में चुनाव 2022 लड़ा जाएगा। हालांकि अभी तक कोई स्पष्ट ऐसा बयान नहीं आया है जिससे इस बात को साबित किया जा सके।
जानकारों का मानना है कि भले ही भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भले ही चौंकाने वाला फैसला लिया गया हो लेकिन भारतीय जनता हाईकमान की तरफ से यह फैसला बहुत सोच विचार कर के लिया गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री सहित तरह तरह की भूमिकाओं की खबरें सामने आ रही है।
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क्यों बनाया शर्मा को उपाध्यक्ष ?
उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष एके शर्मा को उपाध्यक्ष की गद्दी पर बैठा कर भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने प्रदेश संगठन में एक ऐसे व्यक्ति को तैनात कर दिया है जिसके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है जिसे अधिकारियों से काम लेना बहुत ही अच्छी तरीके से आता है जिसे एक कार्यपालिका की बारी मालूम है इतना ही नहीं ए के शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी विश्वास पात्र व्यक्ति हैं। जाहिर है कि शर्मा को उपाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने यह बताने की कोशिश की है कि यूपी और 2022 का चुनावी समर उसके लिए काफी अहम है।
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