Noida-Greater Noida Expressway : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से रोज़ सफर करने वाले लाखों यात्रियों के लिए राहत की खबर है। सेक्टर-128 और सेक्टर-168 के पास दो नए अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिनके निर्माण से यातायात का दबाव कम होगा और जाम जैसी स्थितियों से छुटकारा मिलेगा।
नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, ये दोनों अंडरपास डायाफ्राम वॉल तकनीक से बनाए जाएंगे, जो आधुनिक निर्माण तकनीकों में से एक मानी जाती है। इससे निर्माण कार्य के दौरान भी ट्रैफिक पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
बोली प्रक्रिया जारी, 15 कंपनियों ने दिखाई रुचि | Noida-Greater Noida Expressway
नोएडा प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि इन अंडरपास परियोजनाओं के लिए बोली प्रक्रिया अभी जारी है। अब तक करीब 15 नामी निर्माण कंपनियांइसमें रुचि दिखा चुकी हैं।
अगले सप्ताह वित्तीय बोलियां खोली जाएंगी, जिसके बाद सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को कार्य सौंप दिया जाएगा।
पहले जारी टेंडर में मानदंड पूरे न होने की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार प्रतिस्पर्धी और योग्य कंपनियों की भागीदारी से प्राधिकरण को समय पर कार्य पूर्ण होने की आशा है।
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क्या है डायाफ्राम वॉल तकनीक और क्यों है यह खास?
डायाफ्राम वॉल तकनीक में पहले मिट्टी के भीतर एक मजबूत दीवारनुमा ढांचा बनाया जाता है जिसे “डायाफ्राम दीवार” कहा जाता है। इसके बाद उस पर अंडरपास की छत बनाई जाती है।
इस छत को 26 दिनों तक सूखने दिया जाता है, ताकि वह पूरी तरह से मजबूत हो सके। फिर ऊपर से सड़क का निर्माण कर दिया जाता है और यातायात सामान्य रूप से शुरू हो जाता है।
इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि निर्माण के दौरान भी ट्रैफिक नहीं रुकता।
कहां बनेंगे ये अंडरपास और कितनी है लागत? | Noida-Greater Noida Expressway
- सेक्टर-128 अंडरपास: अनुमानित लागत ₹81.61 करोड़। यह सुल्तानपुर गांव के सामने बनेगा और सेक्टर 128, 129, 132 और 108 को जोड़ेगा।
- सेक्टर-168 अंडरपास: अनुमानित लागत ₹99.74 करोड़। यह झट्टा गांव के सामने बनेगा और सेक्टर 145, 146, 155, 159 व 168 को जोड़ेगा।
दोनों अंडरपास क्षेत्र के ट्रैफिक को डायवर्ट करने और शहर के भीतर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
18 महीने में पूरा होगा निर्माण, अगस्त से शुरू होने की संभावना
नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि यदि सभी प्रक्रिया समय पर पूरी हो गई, तो अगस्त 2025 से निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।प्रस्तावित योजना के अनुसार, दोनों अंडरपासों का निर्माण कार्य 18 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा, जिससे 2026 के अंत तक यात्री इनका लाभ उठा सकेंगे।
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बनने वाले ये दो अंडरपास न केवल ट्रैफिक जाम से राहत दिलाएंगे, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेंगे।डायाफ्राम वॉल जैसी उन्नत तकनीक और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से यह परियोजना समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी होने की उम्मीद है।
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