Shaktipeeth Expressway: भारत की सड़कों का जाल दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क्स में से एक है और बीते कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। अब एक और नया एक्सप्रेसवे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला है, शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में मंजूरी दे दी है।
86,000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा Shaktipeeth Expressway
महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुमोदित यह मेगा प्रोजेक्ट करीब ₹86,300 करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा। इसमें से ₹20,000 करोड़ की राशि परियोजना की रूपरेखा और भूमि अधिग्रहण के लिए मंजूर की गई है। यह भारत के सबसे लंबे और महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे में से एक होगा।
802 किलोमीटर लंबा होगा यह छह लेन एक्सप्रेसवे
Shaktipeeth Expressway की कुल लंबाई 802 किलोमीटर होगी और यह वर्धा जिले के पावनार से शुरू होकर सिंधुदुर्ग जिले के पत्रदेवी तक जाएगा, जो महाराष्ट्र-गोवा सीमा के पास है। यह पूरी तरह से छह लेन का हाई-स्पीड कॉरिडोर होगा।
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सफर होगा आधे से भी कम समय में पूरा
इस समय पावनार से पत्रदेवी तक की यात्रा में 18 से 20 घंटे का समय लगता है, लेकिन शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह यात्रा महज 8 से 10 घंटे में पूरी की जा सकेगी। इससे ट्रैवलिंग के साथ-साथ व्यापार और पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे धार्मिक दृष्टिकोण से भी खास है, क्योंकि यह तीन प्रमुख शक्तिपीठों से होकर गुजरेगा:
- महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर
- तुलजा भवानी मंदिर, धाराशिव
- पत्रदेवी मंदिर, गोवा सीमा
इसके साथ ही यह दो ज्योतिर्लिंगों – औंढा नागनाथ (हिंगोली) और परली वैजनाथ (बीड) – तथा प्रसिद्ध तीर्थस्थल पंढरपुर (श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर) से भी होकर गुजरेगा।
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाएगा
इस एक्सप्रेसवे को Nagpur-Goa Expressway भी कहा जा रहा है, क्योंकि यह नागपुर के पास स्थित पावनार और गोवा सीमा से सटे पत्रदेवी के बीच फैला होगा। यह केवल एक सड़क नहीं, बल्कि राज्य को जोड़ने वाली एक सांस्कृतिक और आर्थिक रेखा बनने जा रही है।
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क्या होंगे इसके बड़े फायदे?
- यात्रा में समय और ईंधन की बचत
- धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
- आर्थिक और औद्योगिक विकास के नए द्वार खुलेंगे
- राज्यों के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी में सुधार
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। यह न केवल दो बड़े क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी प्रदेश को सशक्त बनाएगा। अब देखना यह होगा कि यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट कितनी तेजी से जमीन पर उतरता है।