Sunday, March 3, 2024
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क्या पहले से बेहतर है कश्मीर के हालात ? 370 हटने के बाद क्या हुए बदलाव!

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर ( Kashmir ) से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था और आज इसकी दूसरी सालगिरह है आज ही के दिन जम्मू कश्मीर ( Kashmir ) को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था, याद हो कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का ऐलान भी किया था और आज इस ऐतिहासिक कदम के 2 साल पूरे हो चुके हैं ऐतिहासिक कदम इसलिए भी था क्योंकि जम्मू कश्मीर का 370 हटने का मामला कई साल से चल रहा था और हर भारतवासी 370 हटने की उम्मीद में बैठा हुआ था.

जम्मू कश्मीर से 370 हटाने के बाद से ही जम्मू कश्मीर में कई बड़े बदलाव देखने को मिले कई प्रावधानों में भी बदलाव हुआ केंद्र शासित राज्य के हालात भी काफी कुछ बदल गए हैं, जो समझना बहुत जरूरी है।

Kashmir

स्थानीय निवासी का दर्जा

370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर में स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं,दूसरे राज्यों में से ऐसे पुरुषों को वहां का स्थाई निवासी बनने की व्यवस्था कर दी गई है, जिन्होंने जम्मू कश्मीर की लड़की से शादी की हो। अब तक ऐसे मामलों में महिला के पति और बच्चों को जम्मू-कश्मीर का स्थाई निवासी नहीं माना जाता था।

कश्मीर में जमीन लेना संभव

कश्मीर घाटी के बाहर के लोगों को 370 हटने से पहले जमीन खरीदने की अनुमति नहीं थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने घाटी के बाहर के लोगों को कश्मीर में गैर कृषि योग्य जमीन खरीदने की अनुमति दे दी है। पहले मात्र कश्मीर के रहने वाले लोग ही ऐसा कर सकते थे।

सरकारी इमारतों पर लहराता है तिरंगा

जम्मू कश्मीर का एक अलग ही झंडा हुआ करता था लेकिन 2019 में आर्टिकल 370 हटाने के 20 दिन बाद श्रीनगर सचिवालय से जम्मू कश्मीर का झंडा हटाकर तिरंगा लहरा दिया गया सभी सरकारी कार्यालयों और संवैधानिक संस्थानों पर भी राष्ट्रध्वज फहराया गया।

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पत्थरबाजों पर सख्त नियम

कश्मीर में पत्थरबाजी की घटना आम बात थी, आए दिन पत्थरबाजी की खबरें सामने आती थी लेकिन अब तीन शासित प्रदेश की सरकार ने आदेश जारी किया है कि पत्थरबाजी और दूसरे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को पासपोर्ट जारी नहीं किया जाए इतना ही नहीं उन्हें कोई भी सरकारी नियुक्तियों में सुरक्षा एजेंसी या उन्हें हरी झंडी नहीं देंगी।

खास बात यह है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन होने जा रहा है, जिससे घाटी में आने वाली सात सीटें जम्मू में चले जाने की संभावना है। इससे क्षेत्र की राजनीति पर व्यापक असर पड़ेगा। इस बाबत परिसीमन आयोग की प्रक्रिया जारी है।

Akshansh

Owner Of E-Kalam News, Rapper At FreeFund Productions, works as a Freelance Hindi Journalist In Many Web News Channels, Having Ability To Work independently Is what I Learned From MySelf

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