Lucknow Metro बनेगी एंबुलेंस! KGMU से चारबाग तक अब दौड़ेगी ‘ऑर्गन ट्रांसप्लांट मेट्रो’

Lucknow Metro : प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो का दूसरा चरण अब सिर्फ यात्रियों को नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने के मिशन का हिस्सा बनने जा रहा है। KGMU से चारबाग तक मेट्रो में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए इमरजेंसी एंबुलेंस जैसी सुविधा मिलेगी। इसके लिए स्पेशल सिंगल कोच मेट्रो और ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।

अब Lucknow Metro नहीं, जीवन रेखा बनेगी ये ट्रेन

लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने चारबाग से वसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के लिए PIB (पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड) से मंजूरी हासिल कर ली है। बस अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी बाकी है। इसे मिलते ही 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

मरीजों को मिलेगी राहत, ट्रैफिक की झंझट से मुक्ति

PGI और KGMU जैसे बड़े अस्पतालों के बीच अक्सर ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को वक्त पर पहुंचाना बड़ी चुनौती बनता है। मेट्रो के जरिए ट्रैफिक को बायपास कर अब 20 मिनट तक का समय बचाया जा सकेगा।

KGMU Metro Ambulance
KGMU Metro Ambulance

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कैसे काम करेगा ‘ऑर्गन मेट्रो ग्रीन कॉरिडोर’

  • सिंगल कोच मेट्रो सिर्फ इमरजेंसी केस में चलाई जाएगी
  • मेट्रो रूट पर ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था होगी
  • विशेष स्थितियों में चारबाग और अमौसी तक ऑर्गन ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी
  • केजीएमयू स्टेशन के पास मेट्रो स्टेशन से सीधा जुड़ाव

ये होंगे ईस्ट-वेस्ट Lucknow Metro कॉरिडोर के 12 स्टेशन

7 अंडरग्राउंड स्टेशन: चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, पांडेयगंज, अमीनाबाद, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा, चौक

5 एलिवेटेड स्टेशन: ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, वसंतकुंज, मूसाबाग

₹ 5801 करोड़ की लागत, 11.165 किमी का जीवनदायिनी सफर

  • कॉरिडोर की कुल लंबाई: 11.165 किमी
  • अंडरग्राउंड ट्रैक: 6.879 किमी
  • एलिवेटेड ट्रैक: 4.286 किमी
  • अनुमानित लागत: ₹5801 करोड़

क्यों बनेगा ये प्रोजेक्ट लखनऊ की पहचान

Lucknow Metro : इस हाईटेक मेट्रो प्रोजेक्ट से न सिर्फ लखनऊ की ट्रांसपोर्ट सुविधा मजबूत होगी, बल्कि यह देश का पहला ऐसा मॉडल बन सकता है जहां मेट्रो इमरजेंसी मेडिकल सर्विस का हिस्सा बनेगी। इससे शहरी मेडिकल ट्रांसफर में क्रांति आ सकती है।

लखनऊ मेट्रो का यह नया चरण सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि लाखों जिंदगियों की सुरक्षा की नई राह भी खोलेगा। यदि इसे सही दिशा में क्रियान्वित किया गया, तो यह भारत के अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।

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