How Lightning Kills People: एक सेकंड में कैसे खत्म हो जाती है जिंदगी, जानिए खौफनाक साइंस!

How Lightning Kills People -एक पल में चमकती है, और अगले ही पल जिंदगी बुझा देती है — यही है आकाशीय बिजली। रविवार को उत्तर प्रदेश और बिहार में मौसम की रौद्र लीला देखने को मिली। आँधी और बारिश के बीच गिरी बिजली की एक-एक चमक ने दो दर्जन से ज्यादा घरों के चिराग बुझा दिए। उत्तर प्रदेश में 12 घंटे में 24 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं बिहार में 4 लोगों ने दम तोड़ दिया। सबसे ज्यादा मौतें प्रयागराज जिले में हुईं।

लेकिन सवाल उठता है — आखिर ये बिजली बनती कैसे है? इसमें इतना करंट क्यों होता है? और इससे कैसे बचा जाए?

ऐसे बनती है ‘काल’ जैसी आकाशीय बिजली |How Lightning Kills People

जब गर्म और नम हवाएं ज़मीन से ऊपर उठती हैं, तो वे आसमान में जाकर बादलों में टकराव और घर्षण पैदा करती हैं। इस प्रक्रिया में बादलों में पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज इकठ्ठा हो जाते हैं। जब यह चार्ज एक-दूसरे से टकराते हैं, तो हजारों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है — जिसे हम आकाशीय बिजली कहते हैं।

बिजली में होता है कितना करंट?

  • 30 करोड़ वोल्ट तक का वोल्टेज
  • 30,000 एम्पियर तक की धारा

तुलना करें: आपके घर की बिजली होती है केवल 120 वोल्ट और 15 एम्पियर। यानी बिजली गिरना किसी परमाणु विस्फोट से कम नहीं!

कैसे लेती है बिजली जान?

जब बिजली सीधे किसी इंसान पर गिरती है, तो वह स्किन, टिशू, नसें और मांसपेशियों को तुरंत जला देती है।
इसका असर दिल और दिमाग पर सबसे पहले पड़ता है।

  • दिल की धड़कन रुक जाती है
  • इंसान की साँसें थम जाती हैं
  • और मौत तात्कालिक हो जाती है

आसमान से जमीन तक कैसे गिरती है बिजली

बादलों का नेगेटिव चार्ज, धरती की सतह के पॉजिटिव चार्ज से आकर्षित होता है। जब यह दोनों टकराते हैं, तो बिजली सीधे धरती पर गिरती है

बचाव के आसान लेकिन जरूरी उपाय

  • बारिश या तूफान के समय खुले मैदान या पेड़ों के नीचे न खड़े हों
  • बिजली के खंभों और धातु की वस्तुओं से दूर रहें
  • पक्की इमारत या चारदीवारी में शरण लें
  • मोबाइल का प्रयोग न करें
  • छतों पर या ऊंची जगहों पर जाने से बचें

Also Read This : Tata Motor Stock: Jaguar Land Rover की गिरती कमाई से हिल गया Tata Motors

1 thought on “How Lightning Kills People: एक सेकंड में कैसे खत्म हो जाती है जिंदगी, जानिए खौफनाक साइंस!”

Leave a Comment